
हम बात कर रहे हैं एक ऐसे संगठन की, जिसने दरभंगा, बिहार में शिक्षा और सामाजिक उत्थान की अलख जगा दी। एम.डी. फाउंडेशन की स्थापना 2008 में शिक्षाविद् स्वर्गीय मुरलीधर प्रसाद ने की थी। उनका सपना था कि हर बच्चा, चाहे वह गांव का हो या शहर का, शिक्षा का अधिकार पाए। 25 मार्च 2011 को बिहार पब्लिक ट्रस्ट एक्ट, 1950 के तहत इसे चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में मान्यता मिली, रजिस्ट्रेशन नंबर 02112 के साथ। आज, यह फाउंडेशन 17 साल की यात्रा में शिक्षा, पर्यावरण, और मानवता के लिए मिसाल बन चुका है।
परिचय: एक सपने का आगाज
16 अक्टूबर 2025, सुबह 9:16 IST, और हम बात कर रहे हैं एक ऐसे संगठन की, जिसने दरभंगा, बिहार में शिक्षा और सामाजिक उत्थान की अलख जगा दी। एम.डी. फाउंडेशन की स्थापना 2008 में शिक्षाविद् स्वर्गीय मुरलीधर प्रसाद ने की थी। उनका सपना था कि हर बच्चा, चाहे वह गांव का हो या शहर का, शिक्षा का अधिकार पाए। 25 मार्च 2011 को बिहार पब्लिक ट्रस्ट एक्ट, 1950 के तहत इसे चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में मान्यता मिली, रजिस्ट्रेशन नंबर 02112 के साथ। आज, यह फाउंडेशन 17 साल की यात्रा में शिक्षा, पर्यावरण, और मानवता के लिए मिसाल बन चुका है।
इतिहास: जड़ें और विकास
मुरलीधर प्रसाद का मानना था कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं, बल्कि चरित्र और समाज सेवा का आधार है। 2008 में शुरू हुई इस यात्रा ने 2011 में सरकारी मान्यता के बाद तेजी पकड़ी। दरभंगा के शहरी और ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की कमी को दूर करने के लिए फाउंडेशन ने कई कदम उठाए। आज यह संगठन न केवल स्कूलों का संचालन करता है, बल्कि सामाजिक अभियानों के माध्यम से समुदाय को मजबूत करता है। यह उनकी विरासत का जीवंत प्रमाण है।
हमारे संस्थान: शिक्षा का विस्तार
एम.डी. फाउंडेशन के तहत कई संस्थान संचालित हैं, जो आधुनिक शिक्षा और सांस्कृतिक मूल्यों को जोड़ते हैं:
- सेंट जेवियर्स इंग्लिश स्कूल, आजमंगर: बच्चों के लिए मजबूत शैक्षिक नींव।
- सेंट जेवियर्स इंग्लिश स्कूल, सिमरी: नवाचार और सुविधाओं का केंद्र।
- सेंट जेवियर्स इंग्लिश स्कूल, भरवारा: स्थानीय छात्रों के लिए उत्कृष्टता का मंच।
- सृजन सृष्टि कॉलेज ऑफ आर्ट एंड कल्चर: कला और संस्कृति का उत्थान। इन संस्थानों ने हजारों छात्रों को वैश्विक अवसरों के लिए तैयार किया है, जो फाउंडेशन की सफलता की कहानी बयान करते हैं।
सामाजिक अभियान: बदलाव की लहर
एम.डी. फाउंडेशन के अभियान समाज को नई दिशा दे रहे हैं:
- हमारी बिटिया: “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” के साथ लड़कियों को शिक्षित करने का प्रयास। सिंघवारा के अरइ बिरदीपुर में आयोजित जागरूकता अभियान में 500 से अधिक परिवारों तक पहुंची यह पहल।
- सेवाश्रम: निःसहायों के लिए भोजन और शिक्षा का सहारा।
- प्लास्टिक हटाओ, जीवन बचाओ: पर्यावरण संरक्षण के लिए प्लास्टिक मुक्त भविष्य।
- आओ पेड़ लगायें: जुलाई 2025 में सिमरी में “वन महोत्सव” में 200 पेड़ लगाकर जलवायु परिवर्तन से लड़ाई लड़ी गई।
एक खास पल
आफताब आलम खान, भारतीय एकता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ने “हमारी बिटिया” अभियान पर एक विशेष बातचीत में इसकी गहराई को रेखांकित किया, जो समुदाय में बदलाव की उम्मीद जगाती है।
नेतृत्व: प्रेरणा के स्रोत
- रवी रंजन (संस्थापक): 20 साल के अनुभव के साथ, वह फाउंडेशन की रीढ़ हैं।
- वी.के. मिश्रा (संस्थापक सदस्य): ग्रामीण शिक्षा के लिए उनका योगदान अनमोल है।
- डी.के. ठाकुर (संस्थापक सहयोगी): पाठ्यक्रम और विस्तार में उनकी विशेषज्ञता।
आपका योगदान: बदलाव का हिस्सा
दान से आप बदलाव ला सकते हैं:
- आओ पेड़ लगायें: ₹100/पेड़, दरभंगा को हरा-भरा करें।
- सेवाश्रम: ₹300/माह, निःसहायों की मदद।
- हमारी बिटिया: ₹500/माह, लड़कियों की शिक्षा। कॉल टू एक्शन: अभी दान करें! (धारा 80G के तहत कर-मुक्त)
निष्कर्ष: एक नई शुरुआत
एम.डी. फाउंडेशन सिर्फ एक संगठन नहीं, एक आंदोलन है। 16 अक्टूबर 2025 को, यह यात्रा जारी है। स्वयंसेवक बनें, दान करें, या हमारे मिशन में शामिल हों—हर कदम मायने रखता है।
संपर्क: +91 93349 46233 (सिमरी) / 9155049400 / 9155049401 (भरवारा), info@sesdbg.com
लेखक: यह ब्लॉग एम.डी. फाउंडेशन की प्रेरक कहानी को समर्पित है, जो शिक्षा और मानवता के लिए काम कर रहा है।
